Maa Sharde
माँ शारदे
माँ शारदे कहाँ तू वीणा बजा रही है।
किस मंजु ज्ञान से तू जग को लुभा रही है।
विनती नही हमारी क्यों मातु सुन रही हो।
हम दीन बालिकायें विनती सुना रहे हैं।
चरणों में तेरे माता मैं सर झुका रही हूँ।
बालक सभी जगत के सुत मातु है तिहारे।
प्राणों से प्रिय तुम्हे है हम पुत्र सब दुलारे।
हमको दयामयी तू ले गोद में पढ़ाओ।
अमृत का ले के प्याला माँ ज्ञान का पिलाओ।
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