मुरारिकायकालिमा ललामवारिधारिणी तृणीकृतत्रिविष्टपा त्रिलोकहारिणी मनो5नुकूलकूलकुंजपुंजधूतदुर्मदा धुनोतु मे मनोमलं कलिन्दनन्दिनी सदा