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।। लक्ष्मी मन्त्र ।।

ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः।

।। स्वास्थ्य प्राप्ति मन्त्र ।।

अच्युतानन्द गोविन्द
नामोच्चारण भेषजात ।
नश्यन्ति सकला रोगाः
सत्यंसत्यं वदाम्यहम् ।।

।। सफ़लता प्राप्ति मन्त्र ।।

कृष्ण कृष्ण महायोगिन्
भक्तानाम भयंकर
गोविन्द परमानन्द सर्व मे वश्यमानय ।।

।। सम्पत्ति प्राप्ति मन्त्र ।।

आयुर्देहि धनं देहि विद्यां देहि महेश्वरि ।
समस्तमखिलां देहि देहि मे परमेश्वरि ।।

।। दुख विनाशक मन्त्र ।।

1. ॐ अनन्ताय नमः ।
2. ॐ गोविन्दाय नमः ।

।। निर्विघ्न निद्रा मन्त्र ।।

हे पद्मनाभं सुरेशं ।
हे पद्मनाभं सुरेशं ।

।। मुकदमें में विजय का मन्त्र ।।

हे चक्रधर !
हे चक्रपाणि !!
हे चक्रायुधधारी !!!

।। ग्रह पीड़ा-नक्षत्र दोष दूर करने का मन्त्र ।।

नारायणं सर्वकालं क्षुत प्रस्खलनादिषु ।
ग्रह नक्षत्र पीडाषु देव बाधाषु सर्वतः ।।

।। सन्तान सुख मन्त्र ।।

हे जगन्नाथ ! हे जगदीश !!
हे जगत् पति !! हे जगदाधार !!

।। भय से मुक्ति मन्त्र ।।

हृषिकेश गोविन्द हरे मुरारी !
हे ! हृषिकेश गोविन्द हरे मुरारी !!

।। आपदाओं से त्राण पाने का मन्त्र ।।

हे वासुदेव !
हे नृसिंह !
हे आपादा उद्धारक !

।। श्री राम के जप मन्त्र ।।

1. ॐ राम ॐ राम ॐ राम ।
2. ह्रीं राम ह्रीं राम ।
3. श्रीं राम श्रीं राम ।
4. क्लीं राम क्लीं राम ।
5. फ़ट् राम फ़ट् ।
6. रामाय नमः ।
7. श्री रामचन्द्राय नमः ।
8. श्री राम शरणं मम् ।
9. ॐ रामाय हुँ फ़ट् स्वाहा ।
10. श्री राम जय राम जय जय राम ।
11. राम राम राम राम रामाय राम ।

।। स्नान मन्त्र ।।

गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति ।
नर्मदे सिन्धु कावेरि जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु ।।

।। सूर्य अर्घ्य मन्त्र ।।

एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते ।
अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर ।।

।। आसन व शरीर शुद्धि मन्त्र ।।

ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा ।
यः स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः ।।

।। चरणामृत मन्त्र ।।

अकालमृत्युहरणं सर्वव्याधिविनाशनम् ।
विष्णोः पादोदकं पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते ।।

।। चन्द्र अर्घ्य मन्त्र ।।

क्षीरोदार्णवसम्भूत अत्रिगोत्रसमुद् भव ।
गृहाणार्ध्यं शशांकेदं रोहिण्य सहितो मम ।।

।। सूर्य दर्शन मन्त्र ।।

कनकवर्णमहातेजं रत्नमालाविभूषितम् ।
प्रातः काले रवि दर्शनं सर्व पाप विमोचनम् ।।

।। तिलक लगाने का मन्त्र ।।

केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम ।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।।
कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् ।
ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ।।

।। माला जपते समय का मन्त्र ।।

अनिध्यं कुरु माले त्वं गृह् णामि दक्षिणे करें ।
जापकाले च सिद्धयर्थें प्रसीद मम सिद्धये ।।

।। शिखा बाँधने का मन्त्र ।।

चिद्रूपिणि महामाये दिव्यतेजः समन्विते ।
तिष्ठ देवि शिखामध्ये तेजोवृद्धि कुरुव मे ।।

।। तुलसी स्तुति मन्त्र ।।

देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः ।
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये ।।

।। तुलसी तोड़ने का मन्त्र ।।

मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी ।
नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोऽस्तुते ।।
पीपल मे जल देने का मन्त्र ।
कुलानामयुतं तेन तारितं नात्र संशयः।
यो5श्वत्थमूलमासिंचेत्तोयेन बहुना सदा ।।

।। पीपल पूजन ।।

अश्वत्थाय वरेण्याय सर्वैश्वर्यदायिने ।
अनन्तशिवरुपाय वृक्षराजाय ते नमः ।।

।। शंख पूजन मन्त्र ।।

त्वं पुरा सागरोत्पन्नो विष्णुना विधृतः करें ।
निर्मितः सर्वदेवैश्च पाञ्चजन्य नमोऽस्तुते ।।

।। प्रदक्षिणा मन्त्र ।।

यानि कानि च पापानि जन्मान्तरकृतानि च ।
तानि तानि प्रणश्यन्ति प्रदक्षिण पदे पदे ।।

।। नवग्रह मन्त्र ।।

ॐ ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी, भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च ।
गुरुश्च शुक्रः शनिराहु केतवः, सर्वे ग्रहा शान्तिकरा भवन्तु ।।

।। अन्नपूर्णा मन्त्र ।।

अन्नपूर्णे सदा पूर्णे शंकरप्राणवल्लभे ।
ज्ञानवैराग्यसिद्ध्य भिक्षां देहि च पार्वति ।।

।। भोग लगाने का मन्त्र ।।

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये ।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

।। अग्नि जिमाने का मन्त्र ।।

ॐ भूपतये स्वाहा, ॐ भुवनप, ॐ भुवनपतये स्वाहा ।
ॐ भूतानां पतये स्वाहा ।।
कहकर तीन आहूतियाँ बने हुए भोजन को डालें । या
।। ॐ नमो नारायणाय ।।
कहकर नमक रहित अन्न को अग्नि में डालें ।

।। भोजन से पूर्व बोलने का मन्त्र ।।

ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् ।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना ।।

।। भोजन के बाद का मन्त्र ।।

अन्नाद् भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसंभवः ।
यज्ञाद भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्म समुद् भवः ।।

।। सायं दीप स्तुति मन्त्र ।।

सायं ज्योतिः परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः ।
दीपो हरतु मे पापं सन्ध्यादीप नमोऽस्तु ते ।।
शुभं करोतु कल्याणं आरोग्यं सुखसम्पदाम् ।
मम बुद्धिप्रकाशं च दीपज्योतिर्नऽस्तु ते ।।

।। क्षमा प्रार्थना मन्त्र ।।

मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन ।
यत्पूजितं मया देव परिपूर्णं तदस्तु मे ।।

।। शयन का मन्त्र ।।

जले रक्षतु वाराहः स्थले रक्षतु वामनः ।
अटव्यां नारसिंहश्च सर्वतः पातु केशवः ।।

।। श्री गंगा जी की स्तुति ।।

गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम् ।
त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम् ।।

।। वेद स्तुति ।।

नमः शम्भवे च मयोभवे च नमः शंकाराय च ।
मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च ।।

।। काली स्तुति ।।

   काली काली महाकाली कालिके परमेश्वरी ।
    सर्वानन्दकरी देवी नारायणि नमोऽस्तुते ।।

।। शीतला स्तुति ।।

शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत् पिता ।
शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः ।।

।। चामुण्डा मन्त्र ।।

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ।।

     ।। श्री दुर्गा गायत्री मन्त्र ।।

ॐ महादेव्यै विह्महे दुर्गायै धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात् ।।

लक्ष्मी मन्त्र स्वास्थ्य प्राप्ति मन्त्र सफ़लता प्राप्ति मन्त सम्पत्ति प्राप्ति मन्त्र दुख विनाशक मन्त्र निर्विघ्न निद्रा मन्त्र मुकदमें में विजय का मन्त्र ग्रह पीड़ा-नक्षत्र दोष दूर करने का मन्त्र सन्तान सुख मन्त्र भय से मुक्ति मन्त्र आपदाओं से त्राण पाने का मन्त्र श्री राम के जप मन्त्र स्नान मन्त्र सूर्य अर्घ्य मन्त्र आसन व शरीर शुद्धि मन्त्र चरणामृत मन्त्र चन्द्र अर्घ्य मन्त्र सूर्य दर्शन मन्त्र तिलक लगाने का मन्त्र माला जपते समय का मन्त्र शिखा बाँधने का मन्त्र तुलसी स्तुति मन्त्र तुलसी तोड़ने का मन्त्र पीपल पूजन शंख पूजन मन्त्र प्रदक्षिणा मन्त्र नवग्रह मन्त्र अन्नपूर्णा मन्त्र भोग लगाने का मन्त्र अग्नि जिमाने का मन्त्र भोजन से पूर्व बोलने का मन्त्र भोजन के बाद का मन्त्र सायं दीप स्तुति मन्त्र शयन का मन्त्र श्री गंगा जी की स्तुति वेद स्तुति काली स्तुति शीतला स्तुति चामुण्डा मन्त्र श्री दुर्गा गायत्री मन्त्र
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